Wednesday, September 13, 2017

घूसखोरी पर मोदी के दावे की हवा निकाल रहे हैं योगी के मंत्री

आपको याद होगा कि इस देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खम ठोककर कहा था कि वो इस देश से भ्रष्टाचार को जड़ से मिटाकर दम लेंगे। देश में काला धन वापिस आएगा। सबके बैंक खाते में पंद्रह-पंद्रह लाख आएंगे। वग़ैरह वग़ैरह। वैसे बातें तो उन्होंने ख़ूब की हैं और भी बात ही बनाते हैं। लेकिन आपको याद दिला दें कि देश के प्रधानमंत्री ने देश की जनता के सामने शपथ ली थी कि ना तो वो खाएंगे और ना ही किसी को खाने देंगे। आज उनका यही नारा उनकी पार्टी, उनके नेताओं और मंत्रियों को याद दिलाना चाहता हूं। सच्चाई तो ये है कि भले ही नारा लग जाए कि जो 70 सालों में नहीं हुआ, वो अब हो रहा है। देश बदल रहा है। देश चमक रहा है। देश में मोदी और यूपी में मोदी मिलकर सब बदल डालेंगे। लेकिन कड़वी सच्चाई तो यही है कि आज भी कुछ नहीं बदला।

इस देश में आज भी बिना घूस दिए मकान का नक्शा पास नहीं होता। बच्चे का बर्थ सर्टिफिकेट नहीं बनता। एफआईआर की कॉपी पाने के लिए मुंशी या दीवान की हथेली गर्म करनी पड़ती है। नौकरी के लिए मंत्री या अधिकारी को रिश्वत देनी पड़ती है। बच्चे के एडमिशन के लिए डोनेशन देना पड़ता है। अस्पतालों में एडमिशन और अच्छे इलाज के लिए या तो पैरवी करानी पड़ती है या फिरमुस्कुराते हुए गांधी जीको नज़र करना पड़ता है। सड़क बनाने और ठेका पाने में वही पुराना खेल चल रहा है।
हां, जब पीएम ने कहा था कि ना खाऊंगा तो ना खाने दूंगा तो मेरे जैसे न जाने कितने लाखों करोड़ों लोगों के मन में उम्मीद जगी थी। हां, देश का मुखिया ही ठान ले, इरादा कर ले। तो वाकई वो काम हो कर रहेगा। लेकिन आज ये बेहद अफसोस के साथ कह रहा हूं कि देश की जनता फिर छली गई है। क्योंकि देश के सबसे बड़े प्रदेश यानी योगी आदित्यानाथ वाले उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ही खुल्लमखुल्ला मोदी के बयान को रद्दी की टोकरी में डालने का काम कर रहे हैं। सार्वजनिक मंचों से ठेकेदारों और अफसरों को कह रहे हैं कि रिश्वत खाइए। लेकिन कम खाइए। ठीक वैसे ही घूस खाइए जैसा कि दाल में नमक मिलाया जाता है। ये बात उन्होंने हरदोई में कही। ठीक डिप्टी सीएम साहेब। ये यूपी आपकी है। ये देश आपका है। ये अधिकारी-बाबू आपके हैं। ये ठेकेदार आपके हैं। सरकार आपकी है। उन्मादी मुट्ठी भर भीड़ आपकी है। भक्तजन आपके हैं। सोशल मीडिया पर प्रोपेगेंडा फैलनेवाले भी आपके हैं। आपकी जो मर्जी में आए कीजिए। या तो दाल में नमक मिलाइए या फिर दाल में पूरी नमक ही डाल दीजिए। आपसे सवाल पूछकर देशद्रोही होने की हिमाकत भला कौन करे।

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