Saturday, August 26, 2017

डेरा हिंसा ने खोलकर दी बीजेपी वालों की सोच और नीयत

डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरुमीत राम रहीम सिंह की गिरफ्तारी के बाद भड़की हिंसा ने दो बातें साफ कर दीं। पहली बात तो ये कि इतिहास अपने आपको दोहराता है। दूसरी बात ये कि बीजेपी सरकार बातें तो महिलाओं के हित और विकास की करती है। लेकिन उसके नेता और सांसद महिला विरोधी मानसिकता दिखा रहे हैं। बीजेपी के दो सांसदों ने खुलकर रेपिस्ट राम रहीम का बचाव किया। सांसद साक्षी महाराज और सुब्रमण्यम स्वामी ने खुलकर कहा है कि गुरुमीत राम रहीम सिंह निर्दोष हैं। एक साध्वी के कहने पर करोड़ों भक्तों की भावनाओं को रौंदकर डेरा सच्चा को जेल भेज दिया गया। साक्षी ने इसके लिए अदालत तक पर सवाल खड़ा कर दिया। ख़ैर इसको लेकर जब बवाल बढ़ा तो साक्षी अपने बयान से मुकर गए और स्वामी के मुंह पर ताला लगा हुआ है। लेकिन इन बयानों ने साफ कर दिया है कि बीजेपी के भीतर कैसे-कैसे नेता हैं , जो महिलाओं के लिए कैसे-कैसे नेक विचार रखते हैं।
दूसरी बात, गिरफ्तारी के बाद जिस तरह से हरियाणा जला। उससे 17 साल पहले की घटना याद आ गई। इसी तरह से एख मामूली बात पर धर्मांध लोगों ने गुजरात में हिंसा का नंगा नाच किया था। हज़ारों बेगुनाह मारे गए थे। तब भी तबकी राज्य की सरकार हिंसा रोक पाने में नाकाम रही थी। या यूं कहें कि हिंसा रोकना नहीं चाहती थी। तब उस समय के प्रधानमंत्री अपनी पार्टी के मुख्यमंत्री से नाराज़ हुए और राजधर्म पालन करने की नसीहत दे गए। आज वहीं हो रहा है। वो मुख्यमंत्री आज प्रधानमंत्री है। बताया जाता है कि हरियाणा में हुई हिंसा से अपने मुख्यमंत्री से नाराज़ हैं। आज भी वही हालात हैं। राज्य की बीजेपी सरकार ने जान बूझकर हिंसा होने दिया या फिर हिंसा रोकने में नाकाम रही। दोनों ही सूरत में बीजेपी सरकार का इक़बाल कम किया है। यहां तक हाई कोर्ट ने भी तल्ख़ टिप्पणी कर दी कि अपने सियासी फायदे के लिए बीजेपी सरकार ने हरियाणा को जलने दिया। हरियाणा की हालिया हिंसा ने साफ कर दिया है कि सत्ताधारी पार्टी के भीतर महिलाओं के लिए कैसी सोच है। अदालत के बारे में क्या धारणा है। सियासी फायदे के लिए उसकी नज़र में मासूमों की जान की कोई क़ीमत है। 

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