Monday, October 29, 2007

मोदी पर कौन कसेगा लगाम ?

गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी इतने बेलगाम कैसे हैं ? ये बात सबको मालूम है कि अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता। लेकिन अकेले मोदी समाज को तोड़ रहे हैं। देश की गंगा जमुनी तहज़ीब को आग लगा रहे हैं। जा़हिर भले ही न हो लेकिन ये सच है कि मोदी को पाल पोस कर बड़ा करनेवाले लौह पुरूष भले ही पिघल गए हों लेकिन समय के साथ साथ इस देश में लोकतांत्रिक तरीक़े से चुनकर आया मुख्यमंत्री चट्टान की तरह अडिग हो गया है। उसका इरादा समाज के उस हिस्से को काट कर अलग कर देना है. जो बरसों से हमारे साथ रचे बसे हैं। इस मुख्यमंत्री का इरादा शरीर के उस हिस्से को काटकर निकाल देना है, जिसके बाहर निकलते ही दिल की धड़कन थम जाए और मरघट में बैठकर अट्टाहास करे। दुनिया को ये बता सके कि वो अपने दम पर आत्मा को मर सकता है। शरीर को निर्जीव कर सकता है। क्योंकि वो बेलगाम है। उसकी लगाम थामनेवाले धृतराष्ट्र हो चुके हैं। अंधे, गूंगे और बहरे हो गए हैं।
गुजरात दंगा भड़काने की साज़िश , क़त्लेआम की प्लानिंग , बलात्कार, मुसलमानों को जि़ंदा फूकने की प्लानिंग को उजागर करतनेवाली स्टिंग आपरेशन की भनक लगते हैं लोकतंत्र की दुहाई देनेवालों ने नादिरशाही रवैया अपना लिया है। सरकार के इशारे पर नाचनेवाले पुलिस अफसरों और सफेदपोश बाबुओं ने कुछ घंटे के लिए पूरे गुजरात में कुछ न्यूज़ चैनलों का टेलीकास्ट रूकवा दिया। अगर सरकारी बाबुओं की बात अगर लोकल केबल वाले नहीं सुनते तो उन्हे हिंदी क़ौम का ग़द्दार कहकर मौत के घाट उतार दिया जाता । मोदी सरकार की इस कोशिश को कुछ जायज़ भी ठहराने लगते । आख़िर सवाल हिंदुत्व और उसके नए महानायक की है।
पांच करोड़ गुजरात के लोगों का नारा देकर नरेंद्र मोदी ने एक तरह से गुजरात को देश से काटने का काम किया है। इस मुख्यमंत्री को देश की चिंता नहीं। इस मुख्यमंत्री को समाज की चिंता नहीं। इस मुख्यमंत्री को का़नून की परवाह नहीं। अगर ऐसा होता तो ट्रेन एक्सिडेंट से लेकर प्राकृतिक आपदा पर कांग्रेस सरकार से इस्तीफा की मांग करनेवाली बीजेपी इस मुख्यमंत्री से इस्तीफा ले चुकी होती। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। बात बात पर महापुरूषों की मिसाल देनेवाली पार्टियों के लोग लाल बहादुर शास्त्री से सबक ले चुके होते।
हर साल देश के किसी बड़े शहर में करोड़ों रूपए फूंककर हिंदुत्व की राजनीति करनेवाली पार्टी की चिंतन बैठक में तानाशाही , बेगुनाहों के ख़ून और बलात्कार पर भी चिंता होती। लेकिन नहीं। इतिहास गवाह है कि देश के प्रधानंमत्री ने गुजरात दंगों के बाद जब मोदी की आलोचना की तो उसके बचाव के लिए लौह पुरूष आगे आए। मुंबई अधिवेशन में प्रधानंम्तरी तनहा नज़र आए। इस मुद्दे पर पार्टी में उन्हे घेर लिया गया था। शायद बीजेपी आलाकमान को मालूम है कि समाज के एक वर्ग को नरेंद्र मोदी एंग्री यंग मैन लगने लगा है। समाज को तोड़नेवालों , मासूमों का ख़ून बहानेवालों, घूंघट में रहनेवाली औरतों को बेपरदा देखनेवालों, इंसान को ज़िंदा जलाकर मज़ा लूटनेवालों और परपीड़ा का सुख लेनेवालों की क़ौम में ये तानाशाह पूजा जाने लगा है। दंगों के बाद हुए चुनाव में मिली जीत से बड़े नेताओं को ये यक़ीन हो गया है कि अगर सत्ता की मलाई खानी है तो इस तानाशाह को बेलगाम करना होगा। हर ग़लत काम में उसके साथ उठकर खड़ा होना होगा। लेकिन ऐसा सोचनेवाले नेता शायद ये भूल रहे हैं कि इस देश में अकेला गुजरात राज्य नहीं हैं। संदेश ग़लत जा रहा है। सत्ता में आने के बाद अयोध्या में राम मंदिर बनाने का वादा करनेवालों ने सत्ता में आते ही कैसा राम को भूला दिया , ये बात देश की जनता भूली नहीं है। याद पड़ता है अयोध्या आंदोलन के समय का बीजेपी को वो नारा- जो कहते हैं, सो करते हैं। अब तो ये साबित हो चुका है कि बीजेपी की आदत बस यही है। जो कहते हैं, सो करते हैं। कह के फिर मुकरते हैं।

6 comments:

अनुनाद सिंह said...

आपको इसकी चिन्ता करने की कोई जरूरत नहीं है। आइ.एस.आइ. है न!!

Ashish Maharishi said...

आप पीछे मत हटना ....हम आपके साथ हैं.

राजेश कुमार said...

चंदन जी, नरेन्द्र मोदी को जेल जाना हीं पड़ेगा। देर है अंधेर नहीं। ऐसा नहीं हुआ तो सिस्टम कितना लाचार है ताकतवर लोगों के सामने। एक बार फिर यह सिद्ध हो जायेगा।

Anonymous said...

पढ़ कर अच्छा लगा. कोई तो है चिंता करने वाला.
गुजरात की जनता तो है ही बेवकुफ.
अगर दो बुन्द बची हो तो नकस्लियों के हाथो मारे गए लोगो पर भी बहा लेना. मुसलमान न सही इंसान तो वे भी थे.
मोदी से हम निपट लेगें. चुनाव कहाँ दूर है?

ghughutibasuti said...

संजय जी , काश हम गुजरात के निवासी सच में अन्याय करने वालों से चुनावों में निबट पाते ! परन्तु आप जानते हैं ऐसा नहीं हुआ । निकट भविष्य में मैं गुजरात की महानता (यह व्यंग्य नहीं मेरी सच की तारीफ होगी) व कुछ लोग जो स्त्री को फल मान खा लेते हैं पर पोस्ट करने वाली हूँ ।
हमें काश्मीर के पंडितों के बारे में भी सोचना होगा , हर उस समाज व व्यक्ति की भर्त्सना करनी होगी जो अन्याय कर रहा है ।
घुघूती बासूती

amit Gandhi said...

Modi ka jaysa yadi five cm kho jaya to na jana dash ka kaya hoga.
Apana acha likha hai.