Sunday, December 13, 2020

ममता बैनर्जी संभल जाओ-ठाकुरबाड़ी से ये पंगा हर सरकारों को महंगा पड़ा है

अपनी ज़मीन खो चुकी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की चीफ ममता बैनर्जी पूरी तरह से तानाशाही पर आमादा हैं। बीते दिनों जनवरी 2020 में बंद हो चुपके हत्या के एक केस में टीएमसी छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए पूर्व रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी को हराकर सांसद बने अर्जुन सिंह और विधायक सुनील सिंह के घरों पर सात थानों की फोर्स के जरिए छापेमारी की कोशिश की। जबकि एक दिन पहले ही अर्जन के सहयोगी रहे हालीशहर के एक कार्करता की हत्या समेत छह कार्यकर्ताओं को टीएमसी वालों ने घायल कर दिया। इस घटना ने साबित कर दियाय कि ममता बैनर्जी की सरकार एंड ऑर्डर पर पूरी तरह से फेल हो चुकी है। हिंदी भाषी और मुसलमानों का वोट गभग खो चुकी ममता बैनर्जी बीजेपी के बढ़ते असर से पूरी तरह से घबरा गई हैं। इसलिए वो हिंदीभाषियों और मुसलमानों के बड़े नेता बन चुके सुनील सिंह और अर्जुन सिंह पर लगातार वार कर रही हैं। बहुत पुरानी बात नही्ं है जब कांकीनाड़ा में अर्जुन सिंह के घर के बाहर जय श्रीराम का नारा लगा रहे अर्जुन सिंह के समर्थकों पर भड़ गई थीं। गाड़ी से उतर कर यूपी वालों को वापिस भेजने की धमकी दी थी।



आज ममता को अर्जुन और सुनील अपराधी नजर आते हैं। लेकिन वो उस दिन को भूल गईं कि जब उनके कभी राइट हैंड माने वाले वकील विकास बाु की हत्या में अर्जुन और सुनील पर केस ला था। तब ममता को ये दोनों नेता बाहुली नज़र नहीं आए थे। अपना सबसे खास सहयोगी की हत्या के बाद भाी नोयापाड़ा आकर सुनीलल और अर्जुन को टीएमसी में ले गई थीं। क्योकि तब उन्हें ताक़तवर वामपंथिों को हराने के लिए कद्दावर और ताक़वर लोगों का साथ चाहिए था। अब साथ छूट गया तो पिछले डेढ़ सालों में दोनों नेताओं पर डेढ़ सौ ज़यादा मुक़दमें लाद लिए। ममता बैनर्जी भूल रही हैं कि बंगाल काशी और ऋषिकेश से भी ज़्यादा हिंदुओं के लिए पवित्र जगह है। यहां नारा लगतदा रहा है कि सारा तीरथ सौ बार और गंगासागर बस एक बार। ईश्वर इसी जन्म में पाप और पुण्य का फैसला कर देता है। ममता बैनर्जी समय रहते संभल जाएं। वर्ना रघवंशी ठाकुरों का श्राप लगेगा। मई 2021 में महिषासुर वध हो सकता है। बेहतर हो कि ममता अमेटी कॉलेज नोएडा से पढ़कर निकले अपने भतीजे अभिषेक को शेडो सीएम और टीएमसी चीफ बनने से रोकें। उसी की जह से ममता की ये दुर्गति हो रही है। वर्ना ये ठाकुरबाड़ी टीएमसी के सर्वनाश के लिए तैयार बैठी है।

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